Wednesday 9 June 2021

this is so close to my heart

मुझे यूँ ही कर के ख्वाबों से जुदा
जाने कहाँ छुप के बैठा है खुदा
जानूँ ना मैं कब हुआ ख़ुद से गुमशुदा
कैसे जियूँ रूह भी मुझसे है जुदा
क्यूँ मेरी राहें, मुझसे पूछे घर कहाँ है
क्यूँ मुझसे आ के, दस्तक पूछे दर कहाँ है
राहें ऐसी जिनकी मंज़िल ही नहीं
दूँढो मुझे अब मैं रहता हूँ वहीं
दिल है कहीं और धड़कन है कहीं
साँसें हैं मगर क्यूँ ज़िन्दा मैं नहीं

रेत बनी हाथों से यूँ बह गयी
तकदीर मेरी बिखरी हर जगह
कैसे लिखूँ फिर से नयी दास्ताँ
ग़म की सियाही दिखती हैं कहाँ
आहें जो चुनी हैं मेरी थी रज़ा
रहता हूँ क्यूँ फिर खुद से ही खफ़ा
ऐसे भी हुई थी मुझसे क्या ख़ता
तूने जो मुझे दी जीने की सज़ा

बन्दे तेरे माथे पे हैं जो खिंचे
बस चंद लकीरों जितना है जहां
आँसू मेरे मुझको मिटा कह रहे
रब का हुकुम ना मिटता है यहाँ
राहें ऐसी जिनकी मंज़िल ही नहीं
दूँढो मुझे अब मैं रहता हूँ वहीं
दिल है कहीं और धड़कन है कहीं
साँसें हैं मगर क्यूँ ज़िन्दा मैं नहीं
क्यूँ मैं जागूँ
और वो सपने बो रहा है
क्यूँ मेरा रब यूँ
आँखें खोले सो रहा है
क्यूँ मैं जागूँ

Hats of to the lyrist and singer.

Saturday 5 June 2021

march to may reads

March to May
1. The doctor and the saint
2. Happiness Hypothesis (3 times)
3. Courage to be disliked 
4. The myth of sysopous
5. Yoga for max discontent